top of page
Search

राष्ट्रवाद का महा विस्फोट है अहं ब्रह्मास्मि

  • Writer: Megastar Maharishi Aazaad
    Megastar Maharishi Aazaad
  • Dec 22, 2019
  • 1 min read

फ़िल्म अहम ब्रह्मास्मि के प्रदर्शन का आज दूसरा दिन।ऐसा लगता है कि देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी और पाप-ताप-संताप हारिणी गंगा अपने मूल से मिलने के लिए व्याकुल है।गंगा की उफनती हुई लहरों में अहम ब्रह्मास्मि का उद्घोष हो रहा है, वहीं पूरी काशी नगरी हर हर महादेव और जयतु जयतु संस्कृतम के उच्चारों से वैदिक काल का वातावरण पैदा कर रही है।अहम ब्रह्मास्मि को जो जनसमर्थन और दर्शकों का प्रतिसाद मिल रहा है उससे ऐसा लगता है कि हज़ारों साल की ग़ुलामी और धर्म-संस्कृति के चिर शत्रुओं ने भी भारत को अपनी जड़ों से काट नहीं पाया है।कबिलाई आक्रांताओं और स्वदेशी शत्रुओं के सारे षड्यंत्र मंद पड़ गए।

दूसरे दिन भी सैन्य विद्यालय के छात्र एवं राष्ट्रवादी फ़िल्मकार आज़ाद की प्रखर राष्ट्रवादी कृति अहम ब्रह्मास्मि हर ख़ासोआम के लिए दर्शनीय बनी हुई है।काशी के शिक्षण संस्थान एवं उसके छात्र इसे इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना मान रहे हैं।आइ पी सिगरा मॉल इन दिनों सांस्कृतिक पुनर्जागरण का मुख्य केंद्र बना हुआ है।संस्कृत फ़िल्म अहम ब्रह्मास्मि के संवाद हॉल से बाहर आते हुए दर्शक एक दूसरे के साथ दोहरा रहे हैं।दशकों तक उपेक्षित रहने के बाद फ़िल्म कला एक बार फिर से अपनी गरिमा को उपलब्ध हो रहा है।दर्शक फ़िल्म के नायक और फ़िल्मकार आज़ादको अपने परिजन एवं प्रिय नायक की प्यार और सम्मान दे रहे हैं। आज़ाद की दर्शकों के बीच उपस्थिति फ़िल्म अहम ब्रह्मास्मि के प्रदर्शन को एक पारिवारिक एवं आध्यात्मिक घटना का स्वरूप दे रहा है।अहम ब्रह्मास्मि की सफलता इस बात का प्रमाण है कि यदि दर्शकों को उनकी जड़ों से जोड़कर फ़िल्म बनाई जाय तो वो सफल हो सकती है।जयतु जयतु संस्कृतम।

 


 
 
 

Comments


© 2023 by Megastar Aazaad Fan Club

bottom of page