सनातनी राष्ट्रवादी फ़िल्मकार मेगास्टार आज़ाद, राष्ट्रवादी महिला निर्मात्री कामिनी दुबे एवं लीजेंडरी फिल्म कंपनी द बॉम्बे टॉकीज़ स्टूडियोज १० अक्टूबर २०१९ को अपने पितृ पुरुष, भारतीय सिनेमा के आधार स्तम्भ राजनारायण दुबे की १०९ वीं जयंती पुरे हर्षोल्लास के साथ मना रहे है |
ज्ञातव्य है कि राजनारायण दुबे ने सन १९३४ में बॉम्बे टॉकीज़ की स्थापना की थी जो कि भारतीय सिनेमा के स्वर्णिम इतिहास के लिए जाना जाता है | बॉम्बे टॉकीज़ ने अनगिनत कालजयी कलाकार, तकनीशियन, गायक-गायिकाये एवं फ़िल्मी प्रतिभाओ को जन्म दिया, उन्हें मंच दिया, उनका पोषण किया एवं उन्हें सितारा बनाकर विश्व को उपहार दिया |
१९५४ में विघ्नसंतोषियो के प्रपंच के कारण अपनी उन्नति, प्रगति के शिखर पर बॉम्बे टॉकीज़ का बंद हो जाना भारतीय सिनेमा के लिए सबसे बड़ा आघात था | लगभग ६ दशको के बाद फ़िल्मकार मेगास्टार आज़ाद के नेतृत्व में बॉम्बे टॉकीज़ का पुनरुद्धार हुआ और राष्ट्रपुत्र के माध्यम से बॉम्बे टॉकीज़ ने एक नया इतिहास रच डाला |
राजनारायण दुबे के अधूरे स्वप्नों को साकार करने के उद्देश्य से सनातनी फ़िल्मकार मेगास्टार आज़ाद ने प्रयोगधर्मी, सामाजिक सरोकारों से जुड़े कथानक एवं सनातन संस्कृति का प्रखर उदघोष करने वाली विचारधारा को सिनेमा के माध्यम से जीवंत एवं अभिव्यक्त करने की सफल कोशिश की है और राजनारायण दुबे के मूल्यों और आदर्शो को धरोहर के रूप में प्रस्तुत किया है |
मेगास्टार आज़ाद ने लीजेंडरी फिल्म कंपनी बॉम्बे टॉकीज़ को पुनः सक्रिय करने के बाद बहुत ही कम समय में हिंदी फिल्म राष्ट्रपुत्र एवं विश्व की पहली मुख्यधारा की संस्कृत फिल्म अहं ब्रह्मास्मि का सृजन एवं सफल प्रदर्शन कर, अंतर्राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त कर बॉम्बे टॉकीज़ के आदि पुरुष राजनारायण दुबे को अपनी कलात्मक श्रद्धांजलि दिया है | अब उनके जन्म वार्षिकी का भव्य आयोजन कर उनके युगांतकारी योगदान का पुण्य स्मरण किया जा रहा है | इस अवसर पर राष्ट्रपुत्र और अहं ब्रह्मास्मि की वैश्विक सफलता के उपलक्ष में भव्य समारोह का आयोजन किया गया है |
राजनारायण दुबे की बनाई परंपरा के अनुसार सृजनशीलता एवं सफलता के लिए बॉम्बे टॉकीज़ के एक एक सदस्य को उसके योगदान के लिए ‘राजनारायण दुबे शिखर सम्मान’ से सम्मानित किया जायेगा |
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